कितना कुछ बदल गया, हमें इसका पता ही ना चला रहे। कितना कुछ बदल गया, हमें इसका पता ही ना चला रहे।
मन में मानवता भरने समय से लड़ता चला गया जीवन सुधरे कुछ मैं पढ़ता चला गया। मन में मानवता भरने समय से लड़ता चला गया जीवन सुधरे कुछ मैं पढ़ता चला गया।
किस की नज़र, किसी की दुआ क्या ख़बर मुझे, कब है यह हुआ वो बोले तो लगता ऐसे की होठों से ओस की बूँदें गिर... किस की नज़र, किसी की दुआ क्या ख़बर मुझे, कब है यह हुआ वो बोले तो लगता ऐसे की होठों...
माँ सम महा न कोय, नहीं माता सी ममता। माँ सम महा न कोय, नहीं माता सी ममता।
तूफानों से लड़कर आते , पत्थर के प्रहार भी सहते नमन भारत के लाल को जो वारे देश पर शरी तूफानों से लड़कर आते , पत्थर के प्रहार भी सहते नमन भारत के लाल को जो वार...
तुम्हारा पता तुम्हारा पता